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मैं हूँ ऐसा दीपक के जिस में
मैं हूँ ऐसा दीपक के जिस में न बाती न तेल
न बाती न तेल
बचपन बीता बनी मोहब्बत चार दिनों का खेल
चार दिनों का खेल
बचपन बीता बनी मोहब्बत चार दिनों का खेल
चार दिनों का खेल
रहे ये दिल का नगर आबाद, बसी है जिस में किसी की याद
हम दिल को
हम दिल को उनके याद से बहलाए जाएंगें, गाए जाएंगें
हुए हम जिनके लिए बरबाद, वो हमको चाहे करें न याद
जीवन भर
जीवन भर उनकी याद में हम गाए जाएंगें
गाए जाएंगें”
❤️