#आलम्बनतया भाति योऽस्मत्प्रत्ययशब्दयोः ।
अन्तःकरणसंभिन्नबोधः स त्वंपदाभिधः ॥ मायाविद्ये विहायैव उपाधी परजीवयोः ।
अखण्डं सच्चिदानन्दं परं ब्रह्म विलक्ष्यते ॥ Poverty has its advantages. When you're that poor what would you have that anyone would want? Except your peace of mind. Your dignity. Your heart. The important things.##
स्थानीय उपलब्ध आहार पर ही मन को केन्द्रीत कर आहार-उपचार विधि से जीवन यापन श्रेष्ठ है, महगें खाने टमाटर के बजाय वहुत से पोष्टिक विकल्प है उस पर ध्यान देवें स्वस्थ्य रहे, स्वस्थ रह कर औरों को प्रेरणास्पद स्त्रोत बने ।
#निवेदन है कि मेरे द्वारा #
कर्म का मर्म सहज रूप से समझे, यही धर्म का वास्तविक रूप है जो कि हरेक का निश्चित, निर्धारित एंव निर्णित पूर्ववत,सनातन है निरपेक्ष,निरन्तर,निर्विरोध ही ध्येय पूर्ण कर्तव्य निर्वहन चाहे वह सामाजिक आर्थिक राजनैतिक, अथवा व्यवहार में प्रतिमान स्वरूप हो यही सत्य है ।