सुना था मोहब्बत मे इंसान खुदा हो जाता हैं।ओर मोहब्बत इबादत हो जाती हैं।मगर ये नही सुना होगा के कोई मोहब्बत में तरबूज भी हो सकता है। हां हम हुए जा रहे तरबूज कल ही बोला गया हमे बड़े प्यार से वो भी तब जब बड़ी चुनौती का सामना करके अपनी तस्वीर निकली सेल्फी लेकर फिर भी पता नहीं किधर उनको मुझमें तरबूज नजर आ गया हां सही है।मोटे तो हो रहे है।यार अब कुछ भी हो साला लगता अच्छा है मोटा होना भरा भरा सा चेहरा भरे भरे से गाल गले लगे कोई तो लगना चाहिए चुबना नहीं चाहिए अब कोन समझाए पेड़े को खुद तो गोलू सा है। मुझे भी गोल कर रहा है।
हो सकता मुझे लाल समझ कर तरबूज बोला हो ये तो फिर मक्खन लगाने वाली बात नही हो गई क्योंकि कल ही मेरा आईना बोल रहा था मुझे भाई एक दम से सामने मत आया करो टूटते टूटते बचता हूं हां माई के लाल ही है हम तो अम्मा ने भी बोला था मेरी सारी बेटी अम्मा पे गई है।यानी गोरी चिटी और ससुरा हम गए अपने पिता जी यानी गब्बर सिंह पे यानी डार्क ग्रे कलर के और सुनो जब हमारे पापा गुस्सा करते है तो काफी कलर के भी हो जाते है। उन्हें भी कोई तरबूज बुला दे तो मजा आए
खेर इश्क मोहब्बत में कन्हा हम डार्क काफी और अम्मा बाबू जी को ले आए हम तो बता रहे थे प्यार में दिए हुए नाम कितना शुकून देते हैं अब हम सोच रहे क्या नाम रखे अपने पेड़े का और सारा दिमाग लगा कर सोचा इना तो शोना बच्चा है वो क्यू नाम खराब करे उसे पेड़ा ही रखते है थोड़ा टेडा है पर क्या करे मेरा है
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