मां सरस्वती वंदना।
विद्या की अधिष्ठात्री देवी कहलाती तुम हो हे मां शारदे।
विद्या का वरदान देकर सबको विद्वान् बना देती तुम हो हे मां शारदे।
विद्या में संस्कार भर कर सुसंस्कृत सबको बना
देती तुम हो हे मां शारदे।
विद्या को गगन सा विस्तार दो हे मां शारदे।
विद्या को आशीष दो हे मां शारदे।
विद्या को तार दो हे मां शारदे।
विद्या पर होता अधिकार तेरा ही है मां शारदे।
विद्या में सुधार हो हे मां शारदे।
विद्या में निपुण हो जाएं हे मां शारदे।
तेरे चरणों में शीश नवाएं हे मां शारदे।
तेरे जयकारे लगाएं हे मां शारदे।
तेरी पूजा करें हे मां शारदे।
तेरी स्तुति करें हे मां शारदे।
तेरी होवे जय-जयकार हे मां शारदे।
तेरी महिमा बड़ी अपरंपार है हे मां शारदे।
विमल मति दे हे मां शारदे।
तमस हरो हे मां शारदे।
कुमति निवार दो हे मां शारदे।
सद्बुद्धि दे हे मां शारदे।
बुद्धि को हाजिर जवाब बना दे हे मां शारदे।
बुद्धि की जड़ता को दूर करो हे मां शारदे।
कुबुद्धि नाशिनी हे मां शारदे।
जग जननी तुम हो हे मां शारदे।
जग वंदनी तुम हो हे मां शारदे।
कृपा करो हे मां शारदे।
तेरे चरणों की दासी बना ले हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे।
जय हो मां शारदे।
-Anita Sinha