ये हाथ
काले हाथ-फटे हाथ
बुनते रहते ख़्वाब,
दवा-दारु के बिना
काम करते रहते ये हाथ।
आराम को हारम मान
दिन-रात मेहनत
करते-रहते, ये हाथ-ये हाथ।
"ये कैसे है हाथ"
वैशाखियो को नित-दिन ठुकराते रहते
दर्द को गले लगाते रहते
ये हाथ-ये हाथ।
काले हाथ-फटे हाथ
अपने धुन मे मस्तमौला झूमते रहते
ये हाथ-ये हाथ;
गम-खुशी के दौड़ मे
मस्ती से मेहनत-मजदूरी करते रहते
ये काले हाथ-ये फटे हाथ
बुनते रहते ख़्वाब।
-Anant Dhish Aman