जो थी हमेशा से कृष्ण की दीवानी,
जिसको अपने हाथ में थी कृष्ण की लकीर थी मिलानी,
जो करती रहती थी गली गली कृष्ण के भजन,
दिन रात रहती थी उसमे ही मगन,
वह ओर कोई नहीं भाई ,
थी अपनी प्यारी मीरा बाई,
जब जब अपने भक्तो को याद करते थे श्याम,
उनकी जुबा पर आता था सबसे पहले मीरा का नाम।
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