खुदा न करे ऐसा हो।
अगर ऐसा हो तो कैसा हो ।।१।।
आज नही मिलाते नजरे हमसे।
कल हर जगह हमारा ही चहेरा हो ।।२।।
आज नही मुड़ते पाव भुलसे भी हमारी और।
कल हमारे घर उन्हीं का पहेरा हो ।।३।।
जो नहीं पूछते कभी नाम हमारा ।
कल उन्हीं के दरबार मे हमारा चर्चा हो ।।४।।
जो नहीं जानते पहेचान हमारी ।
कल हम उन्हीं के लिए शान हो ।।५।।
जो रखते है नकाब गहरा ।
क्या पता अनंत कल उन्हीं के लिए सेहरा हो ।।६।।
-Abhishek joshi