अपने घर का जवान बेटा हूँ और मोहब्बत में टूट चुका हूँ में
कंधे पर जिम्मेदारीयों का बोझ है। और अंदर से हार चुका हूँ मैं
सच कहूँ तो मर जाना चाहता हूँ हर जगह से बिखर चुका हूँ मैं
माँ-बाप का बहुत उम्मीद है मुझसे घर का जिम्मेदार बेटा हूँ मैं
कैसे बताऊँ कितनी अजीयत में अंदर से घुट-घुट कर मर रहा हूँ मैं
मेरे आँखों में आँसुओं के सिवा कुछ भी नहीं है, सच कहूँ तो बर्बाद हूँ मैं
माँ-बाप के सपने पुरा करके दुनिया को अलविदा कह देना चाहता हूँ मैं
तु इतनी बेवफा दिख तो नहीं रही थी जितनी निकल गयी । ❌❌❌