पापा
पापा आपकी वो छोटी सी गुड़िया
अब बड़ी होने लगी है
जो रोने लगती थी हर छोटी बात पर
वो अब अपने आंसुओं को छुपाने लगी है
जो लड जाती भाई को पिटता देख आपसे
वो अब खुद से लड़ने लगी है
जो एक छोटी सी खरोंच पर उठा लेती थी घर सर पर
वो अब दर्द भी सहन करना सीखने लगी है ।
जो खाना बनाने वाली गुड़िया को जिद करती थी
वो अब खुद खाना बनाने लगी है।
जो लड़कों की तरह निक्कर टीशर्ट में रहती थी कभी
वो लड़कियों की तरह सूट दुपट्टा पहनने लगी है।
जो दिखती कभी बिल्कुल आपके जैसे
वो लड़की अब मां जैसी दिखने लगी है।
जो पहले लापरवाहीं बरतने में थी उस्ताद
वो अब कामों में मदद करवाने लगी है।
सृष्टि तिवाड़ी
शान
-srishti tiwari