शाहब
मैं अब खुद में मस्त रहता हूं....
हर वक्त खुद में व्यस्त रहता हूं....
उस शख्स की चाहत थी पहले
अब हर वक्त राहत में रहता हूं ....
दोस्तों के साथ पूरा था पहले
अब मैं अधूरा रहता हूं...
अब कोई आए जाए
फर्क नहीं पड़ता
अब पल हर वक्त
खुद में व्यस्त रहता हूं....
♥️♥️♥️
निशब्द लेखक
-Prahlad Pk Verma