“जी से छुड़ाकर उस का
घर तुम अपने घर पर ले आये
ये प्यार का पिंजरा मन भाया
हम जी भर भर कर मुसकाये
जब प्यार हुआ इस पिंजड़े से
तुम कहने लगे आज़ाद रहो
हम कैसे भुलाये प्यार तेरा
तुम अपनी जुबान से ये ना कहो
अब तुम सा जहान में कोई नहीं
है हम तो तुम्हारे हो बैठे
तुम कहते हो के ऐसे
प्यार को भूल जाओ भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम”
❤️🙏🏻