पूछा उसने हम् मिलेंगे न एकदिन, पक्का न,
हमेशा के लिए बताओ ना।
तो जवाब क्या था सुनियेगा,
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एक दिन मेरी ही होगी तुम।
तुम्हारे साथ ही तो दिन दोपहर और रात होगी,
तुम्हारे साथ ही ज़िन्दगी की शुरुआत होगी,
भले ही अभी मेरे पास ना हो तुम,
मगर आने वाले कल में मेरी ही होगी तुम,
जरा भी घबराना मत,
एक दिन मेरी ही होगी तुम।
तुम्हारे साथ ही तो सुहाना हर एक पल होगा,
तुम्हारे साथ ही तो मुश्कुरना हमे संग होगा,
तुम्हारे साथ ही तो सजना सवरना और चमकना साथ होगा,
तुम बिल्कुल भी घबराना मत,
तुम्हारा निकाह मेरे ही साथ होगा,
इसीलिए बार बार बोलता हूं, जरा भी घबराना मत तुम,
एक दिन मेरी ही होगी तुम।
-Shubh Tripathi