समय की गति अबाध है। इसका न कोई आदि है न अंत। यह निर्लिप्त है। किंतु मनुष्य समय को भी सीमा में बाँध कर देखता है। एक क्षण ,घंटा ,दिन ,वर्ष। इस आधार पर एक वर्ष समाप्त हो रहा है और दूसरा आरम्भ। इस बीते हुए वर्ष का विश्लेषण किया जाएगा। इसे अच्छे और बुरे समय में बांटा जायेगा। कभी व्यक्तिगत आधार पर तो कभी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं के आधार पर। किंतु समय अबाध गति से आगे बढ़ता रहेगा। मनुष्य का एक और गुण है। वह उम्मीद पर जीता है। अतः इस उम्मीद से कि यह वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं।