इस बेरंग सी जिन्दगी मे
एक रंग तुम्हारा होता।
कोई न हो मेरा तो क्या
बस संग तुम्हारा होता।।
तुम नही हो के भी हो
तुम हो के भी नही हो।
मेरी कलम से लिपटा
कुछ अल्फाज तुम्हारा होता।।
इस बेरंग सी जिन्दगी मे
एक रंग तुम्हारा होता।
कभी -कभी खुद को कुछ समझा लेती हूँ।
कुछ आंसूओ को खुद से भी छुपा लेती हूँ
काश इस जिन्दगी मे कुछ ढ़ंग तुम्हारा होता।।
इस बेरंग सी जिन्दगी मे
कुछ रंग तुम्हारा होता।।
मीरा सिंह
-Meera Singh