दर्द छुपा कर मुस्कुराते है
क्या क्या बहाने बनाते है
व्यर्थ की बातों में हर दम
खुद को उलझाए रहते है
जान कर भी हर बात को
खुद को अंजान दिखाते है
अपने दर्द में डूब कर भी
किसी की चिंता करते है
ना जाने किस वजह से वो
इतनी तकलीफे सहते है
बता नहीं पाते कुछ भी
पर खुद बुरे बन जाते है
कुछ लोग ऐसे भी होते है
जो खामोश रह जाते है
SKM..... .....।।
-किरन झा मिश्री