तुम प्रत्येक दिन
और प्रत्येक रात
सीमा पर रहकर
मेरी,मेरे प्रियजन
की रखवाली करते
हम बेफ़िक्री से रहते
कभी नहीं हम घबराते
कभी नहीं तुम भ्रमाते ।

रात्रि के काले अंधेरे में
बर्फीली शीत लहर में
पूरा तन बर्फ़ में अंदर ,
गर्मी की तपती दोपहर
कभी नहीं तुम घबराते
कभी नहीं तुम अलसाते।

तुम लक्ष्य पर टिके रहे
तुमने यदि हाथ गवाया
कभी अपना पैर गवाया
मुश्किल में भी डटे रहे
तुम्हारे शहीद होने पर
परिवार से न मिल सके ।

प्रिय फ़ौजी मेरे भाई ,मैं
तुम्हारे लिए कुछ न कर पाया
सिर्फ़ अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
भारी मन से लिख पाया
मेरा परिवार सुरक्षित सोया
तुम्हारे परिवार को न कुछ
दे पाया,मैं कुछ न दे पाया ।।

शहीद भाइयों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि 🙏🙏

#shradhanjali

Hindi Poem by Asha Saraswat : 111841535

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