आंसू रो रो पीता हूं ,
मुस्कुरा कर जीता हूं ,
दोस्त नहीं यार कोई ,
जख्मे दिल को सिता हूं ,
जब मैं चला पाने मंजिल ,
मिली मुझे तबाही ,
मिलते ही मंजिल ,
खुद हम सफ़रने ली बिदाई ,
मैंने तो इश्क की आग में ,
अरमानो की होली जलाई ,
कोई फिर भी नहीं पूछता ,
मैं कहाँ कैसे जीता हूं ,
आंसू रो रो पीता हूं ,
मुस्करा कर जीता हूं