मैने उस माटी के दिया से पूछ लिया , तो उसने कहा कि धरती माँ की पुत्री जनकनंदनी राम की प्रिय सीता आ रही हैं।
मैने उस स्थिर बाती से पूछ लिया , तो उसने कहा की तीनों लोको के स्वामी मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम आ रहे हैं।
मैने उस सरसो के तेल से पूछ लिया तो उसने कहा की राम के सेवक श्री हनुमान आ रहे हैं।
मैने उस जलती हुई ज्वाला से पूछ लिया तो उसने कहा की शेषावतार रामानुज लक्ष्मण आ रहे हैं।
रितेश पांडे