किसी ने पढ़ा राम कोई मरा ही पढ़ गया।
जिसको जैसा भाया उस तरह ही पढ़ गया।
भाव एक हो नाम हो मरा मरा या राम।
जिसकी जैसी भावना , उनके सबके अपने राम।
प्राण में बसे तो बोध मुक्ति का जानिए।
धनुहा के चाप पर नाम अभिमंत्रित करे।
तब जानिए प्रताप और पाप पर संधानिए।
करुणा उदार सिंधु महिमा अपार।
वो प्रेम के प्रतीक प्रेम भूषण पहचानिए।
जाको जस मान दान ध्यान भरा साधक हो।
उसको रघुनाथ जी सदैव चरणन स्थान दे।
#Rama

Hindi Motivational by Anand Tripathi : 111837740

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