कैसा ये खुदा ने यार मेरा मुकद्दर लिखा,शहर भर में ना मेरे लिए एक घर लिखा, मंजिल की जो ख्याहिश की मैंने खुदा से,खुदा ने यार नसीब में मेरे बस सफर लिखा।।

-RACHNA ROY

Hindi Shayri by RACHNA ROY : 111835010

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