आजादी से पहले ही हो गया बटवारा,कैसे मनाऊं आजादी मै ?
घर सामान होता तो छोड़ ही देती,
कैसे छुड़ाऊ अपने आपको मैं ?
स्वजन से बिछड़कर स्वराज पाया,
कैसे उसे सुराज बनाऊं मैं ?
आबादी को बाट दिया दो देशमें ,
कैसे उसे आबाद बनाऊं मै ?
चंद लोगों की लालच मे बिक गया पूरा मुल्क,
कैसे लगाऊ बोली अपनी मां की मै ?
एक ही देश के दो अलग अलग झंडे,
कैसे उसे एक बनाऊं मैं?
दुश्मन को तो मार भगाया,
कैसे अपनो से लडू मैं?
स्वतंत्रता से पहले की बरबादी ,
कैसे उसे भुलॉऊगी मै?
अपनो को खोकर मिली है जो आजादी ,
कैसे उसे व्यर्थ गवाऊ मै ?
-Dharmisita Mehta