गिरना जरूरी होता है, उठने के लिए
दर्द जरूरी होता है,एक सृजन के लिए
यूँ तो सह लेते है सभी अपने दर्दों को
एक टीस जरूरी है, याद रखने के लिए
पीते है अश्क और झुका लेते है नज़र
एक मुस्कान जरूरी है दिखावे के लिए
क्या दे अब वजह, उन बेवजह बातों की
क्या एक वजह जरूरी है समझाने के लिए
क्षणभंगुर जीवन है, तो फिर गम क्या है
एहसास छोड़ दो कुछ, याद करने के लिए
बहरों का शहर है, और मूक बन रहते है
एक शंखनाद चाहिए,उन्हें जगाने के लिए
रुद्र.... .....।।
-किरन झा मिश्री