जीवनमें नन्हेंसे बड़ा होने तक!
कई आएं और कई चलें भी गये!
कई लोंगो ने साथ दिया मेरे तन्हाईयों मे!
इनमेसे कई लोंगोने फायदा उठा लिया !
मैं तो वहीं का वहीं रेह गया और.
साधन सब खुशियाँ के थे मेरे वो भी छूट गये!
और मेरे अपने समझ रहें थे वो ही बिखरते चले गये ll
- वात्सल्य