जा रही हूँ अब बदलने !
राह पर चलने ,
बहुत हो गया रोना -गाना ,
जिन्दगी का तमाशॎा बनाना ,
आखिर ! किसने सुनी !
जो कही गई , अन्तस की
अन्तर ही रही |
किसको यहाँ सुनाना,
सुनने वाला भी भीतर है ,
उसका मोल , मोल चुकाना ,
अब नही रोना -गाना ,
यहाँ कौन है अपना ,
किसपर खिसियाना ,
खिसियाहट की खोह में,
भरा प्रेम किसे जताना ,
नही ! अब नही रोना -गाना |
किसका रस्ता देखे अखियाँ
किसका है आना -जाना ,
कोई नही यहाँ अपना ,
किसका शोक मनाना
अथवा किसे देखकर
खुश हो जाना |
राह पर चलना अब है !
बदलना !
जीवन का एक तराना |
अब नही रोना -गाना |