संकल्प एक माध्यम है स्वयं के जीवन को सहज और स्वाभाविक बनाने में। किन्तु जरूरत है इस माध्यम को अपने स्वभाव में बदलने की। तो पहला संकल्प तो स्वयं के स्वभाव को संकल्पिक बनाने के लिए अहद किया जाए। बाकी सब कुछ मालिक पर छोड़ घटित होने दे। कृपया इसे अनुभूति होने दे और आने अनुभवों को लिपिबद्ध होने दें।