जन्म हो गया कारागार में योगेश्वर भगवान का,
घोरतिमिर क्षय हो जाए नाम लेत राधे श्याम का,
जड़वत सब जग हो गया सुन मुरली की तान को,
जन जन में विस्तार करो अब गीता के ज्ञान का,
जिनके प्रेम में व्याकुल भटकें ओ मेरे प्यारे मोहन,
सब भक्तन सब गोपिन के अंखियन के तारे मोहन,
प्रेमसुधा रसपान करा के भूल न जाना तुम हमको,
तन मन सर्वस्व जीवन अपना तुम पर ही हारे मोहन,