मेरे मरने के बाद मेरी एक कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई मेरी ये ज़िंदगानी लिखना...
कैसे मेरे होंठ हर पल ख़ुशी को तरसे,
कैसे बरसा उम्रभर मेरी आंखों से पानी लिखना...
लिखना की उसका इंतजार बहुत था,
आखिरी साँसों मे मेरी हिचकियों की वो रवानी लिखना...
लिखना की मरते वक़्त भी देते रहे दुआ हम उसको,
हाथ बाहर था कफ़न से ये निशानी लिखना...
लाल फूल कब्र पर रखा था जो उसने मेरी,
फूल वो सूखा नहीं कभी,मेरी मोहब्बत की ये भी निशानी लिखना...!
-🍁Ansh