क्या है सफलता....................
एक खुशी जो हर खुशी को फिका कर दें,
खुद में नएपन का एहसास भर दें,
सोच में भी उसका आना - जाना हो,
ज़हन पर वो सवार रहे,
ऐसे कि मुस्कुराहट पर भी प्रतिबंध ना हो.......................
मेहनत करके भी थकान हो जाती है,
इंतज़ार भी सफलता की राह में रोड़े अटकाती है,
मन कहता है बस एक बार ऐ काम हो जाए तो सुकून आ जाएं,
नामसझों को पता ही नहीं सफलता भी एक नशा है,
एक दफा मिल जाए तो दूसरी चाहत की लत लग जाएं...........................
थकाती है, दौड़ाती है, शांति और खुशी से दूर ले जाती है,
जब हमारे हमउम्र मौज - मस्ती करते है,
हम उस समय मेहनत का कुआँ गहरा कर रहे होते है,
रात को सहर करते है पर सहर को रात होने नहीं देते,
देख सफलता तुझे पाने की चाहत में हम,
ज़िन्दगी को खुद का होने नहीं देते...........................