गीत:'दिल को है को है तुमसे प्यार क्यों"
दिल को है को है तुमसे प्यार क्यों
ये न बता सकूँगा मैं
ये न बता सकूँगा मैं
दिल को है तुमसे प्यार क्यों, प्यार क्यों
(पहले मिलन कि छाँव में
तुमसे तुम्हारे गाँव में ) - २
आँखें हुईं थी चार क्यों
ये न बता सकूँगा मैं
दिल को है ...
(तुमको नज़र में रख लिया,
दिल में जिगर में रख लिया ) - २
खुद मैं हुआ शिकार क्यों
ये न बता सकूँगा मैं
दिल को है ...
(रूप की कुछ कमी नहीं
दुनिया में इक तुम्हीं नहीं ) - २
पर मैं तुम्हारी याद में
रहता हूँ बेक़रार क्यों
ये न बता सकूँगा मैं
दिल को है ...
चित्रपट : गैर फिल्म
संगीतकार :कमलदास गुप्ता
गीतकार : फैयाज हास्मी
गायक : जगमोहन
प्रस्तुतकर्ता:डॉ.भैरवसिंह राओल