गीत 'तू चंदा मैं चांदनी '
तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे
तू बादल मैं बिजुरी, तू पंछी मैं पात रे
ना सरोवर, ना बावड़ी, ना कोई ठंडी छांव
ना कोयल, ना पपीहरा,ऐसा मेरा गांव रे
कहाँ बुझे तन की तपन,ओ सैयां सिरमोर
चंद्र-किरन तो छोड़ कर, जाए कहाँ चकोर
जाग उठी है सांवरे,मेरी कुआंरी प्यास रे
(पिया) अंगारे भी लगने लगे आज मुझे मधुमास रे
तुझे आंचल मैं रखूँगी ओ सांवरे
काली अलकों से बाँधूँगी ये पांव रे
गल बैयाँ वो डालूं की छूटे नहीं
मेरा सपना सजन अब टूटे नहीं
मेंहदी रची हथेलियाँ, मेरे काजर-वाले नैन रे
(पिया) पल पल तुझे पुकारते, हो हो कर बेचैन रे
ओ मेरे सावन साजन, ओ मेरे सिंदूर
साजन संग सजनी बनी, मौसम संग मयूर
चार पहर की चांदनी, मेरे संग बिता
अपने हाथों से पिया मुझे लाल चुनर उढ़ा
केसरिया धरती लगे, अम्बर लालम-लाल रे
अंग लगा कर साहिबा रे, कर दे मुझे निहाल रे
चित्रपट: रेशमा और शेरा (1971)
संगीतकार: जयदेव
गीतकार: बालकवि बैरागी
गायिका: लता मंगेशकर
19 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पर चित्रपट "रेशमा और शेरा" ने तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे।वहीदा रहमान ने फिल्म में अपने अत्यधिक प्रशंसित अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। इस फिल्म ने रामचंद्र के लिए सर्वश्रेष्ठ छायांकन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जयदेव ने जीता था।
चित्रपट "रेशमा और शेरा "को अपने क्लासिक गीतों के लिए जाना जाता था। इस गीत के रचयिता बालकवि बैरागी, संगीतकार जयदेव और गायिका लता मंगेशकरजी ने इसे कालजई गीत बनाया है। सदियों में ऐसा गीत बनता है। लगता है जैसे कि यह अदभूत गीत स्वर्ग से उतरकर आया है।
संकलन:डॉ.भैरवसिंह राओल