जैसे निर्भय हो कोई नाहर विचरण करता है।
जैसे एक वीर योद्धा लाखों से रण करता है।।
जैसे सूरज मुक्त गगन में आता है जाता है।
जैसे कि अभिमन्यु व्यूह में घुसा चला आता है।।
वैसे ही आजाद स्वाद लेते थे आजादी का।
कारण बने हुए थे अंग्रेजों की बर्बादी का।।
अंग्रेजी शासन को उसने ऐसी सजा सुनाई।
गोरी चमड़ी लाल पड़ गई जिंदा पकड़ न पाई।।
जब तक जीवित रहा धरा यह नहीं हो सकी खण्डित।
आजाद सिर्फ आजाद हुआ गोरों को करके दण्डित।।
ऐसे वीर तनय को मैं करता हूँ, महिमा मण्डित।
आजाद जिआ जी भरके फिर आजाद उड़ गया पण्डित।।

#rambhadawar #Ajaad #JayHind #kavisammelan2022 #poetrycommunity #VeerRas #kavita #kavi - (राम भदावर)

Hindi Poem by Jatin Tyagi : 111820922
shekhar kharadi Idriya 2 year ago

अत्यंत सुंदर प्रस्तुति तथा क्रांतिकारी योद्धा चन्द्रशेखर आज़ाद की जन्म जयंती पर शत-शत नमन....💐🙏

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