सोच के सोच
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कहते थे उम्र सिख देती है,
पर इस दौर में कुछ गलत तो नहीं ?
अक्ल कहीं और नक्ल कही,
इस दौर में सोच गलत तो नहीं ?
पहले औलाद, फ्यूचर के लिए सोचते थे,
इस दौर में संदेश कुछ गलत तो नहीं ?
बरबादी के लिए जिम्मेदार कौन ?
आशियाना जलानें में फायदा तो नहीं ?
जरूर पड़ेगी तब मीडिया काम ना आएगा
कौन मरती मां को संभालेगा ?
- अरुण गोंधली
(१८.०६.२०२२)u