दिल मेरा मोम का है पिघल जाएगा।
दिल मेरा मोम का है पिघल जाएगा।
मार्ग के मध्य यूं अपने पग मत रखो,
मार्ग जीवन का मेरे बदल जाएगा।।
तुम अमरदीप सी झिलमिलाती हुई,
रोशनी में नहायी कहानी सी हो।
मन के पर्तों के सब द्वार जो खोल दे,
वो महकती हुई रातरानी सी हो।।
देखकर मत मुझे और महका करो।
बावरा मन मेरा है मचल जाएगा।।
ताप नज़रों से अपने बढ़ाओ न तुम,
दिल मेरा मोम का है पिघल जाएगा।।
राह में जब कभी चाल चलती हो तुम,
तार झंकृत सभी दिल के कर जाती हो।
और हँसकर जिधर देख लेती उधर,
इक अज़ब सा नशा सबपे कर जाती हो।।
मौन मुस्कान से मत निहारा करो।
देखकर दिल ये वर्ना निकल जाएगा।।
ताप नज़रों से अपने बढ़ाओ न तुम,
दिल मेरा मोम का है पिघल जाएगा।।
- पीयूष प्रखर
सुलतानपुर (उप्र)
🙏🏻