*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*बदरी, बिजली, मेघ, चौमास, ताल*
1 बदरी
बदरी नभ में छा गई, लुभा रही चितचोर।
पानी की बूँदें गिरें, तब नाचे मन मोर।।
2 बिजली
बिजली चमकी गगन में, लरज रहे हैं नैन।
प्रियतम को पाती लिखी, लौटो घर तब चैन।।
3 मेघ
गरज चमक कर मेघ ने, भेजी है सौगात।
शीतल करने आ रही, मनभावन बरसात।।
4 चौमास
जब आया चौमास यह, है पुलकित मधुमास।
धरा प्रफुल्लित हो उठी, मिलकर खेलें रास।।
5 ताल
चौमासे का आगमन, सुनकर हैं खुशहाल।
ताल तलैया बावली, नाच उठी दे ताल।।
मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
🙏🙏🙏🙏🙏