जीवन का पहला प्यार कोई भूलता नहीं
छूट जाता है वो साथी, फिर मिलता नहीं
कसमों के धागे बुनकर, रस्मो के जाल में
फस जाते है दिवाने जग के सवाल में
मिलता है जवाब मगर, हल मिलता नहीं
छूट जाता है वो साथी, फिर मिलता नहीं
बाहो की गर्मी और,बढ़ती सांसो का जोर
वो मुलाकात पहली वो धड़कन का शोर
थम जाए जो एक बार, फिर मचता नहीं
छूट जाता है वो साथी, फिर मिलता नहीं
सोचता हूं, क्या वो भी मुझे याद करती होगी
मेरी त-हा उसकी कभी आंख छलकती होगी
मिट जाए दो आंखें, दिल से नाम मिटता नही
छूट जाता है वो साथी, फिर मिलता नहीं
Sagar...