#hindi poetry
खामोशी मे भी शोर है ,कुसूर मोहब्बत का है,
कि उस चाँद सी सूरत के सामने
ये सूरज कमजोर है....
ना उनसे कोई रोष है, ना किसी और की सोच है
इश्क की सरगोशी है कुछ ऐसी,
कि अब हमें ना कोई होश है....
हिचकियाँ भी है, और सिसकियाँ भी है
ये खालीपन है जिंदगी का,
या दिल में बैठा कोई और है..
ये उम्र का नहीं दोष है
शायद ये मोहब्बत मे मिली एक सोच है
एक कस्तूरी की खोज है
जिस की मेहक के आगोश में आकर बस मौज है
Deepti