विषय - योग
योग ही जीवन का आधार,
मिट जाते है कष्ट अपार।
ध्यान योग जीवन में लाना,
रोगों से है मुक्ति पाना।
कितने युग भी बीत गए,
ऋषि मुनियों को समझाते।
दैनिक जीवन में उतार लें,
योग और ध्यान की बातें।
योग ही ऊर्जा की शक्ति,
और भोगों से मिलती है मुक्ति।
योग ही तन मन की फुर्ती,
मिट जाती आलस्य और सुस्ती।
दौड़ भाग की इस दुनियां में,
योगा का समय बचाना है।
समय रहते ही हम सबको,
ध्यान योग अपनाना है।
योग ही सृष्टि का संचार,
हम सब मिलकर करें विचार।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री