विषय -मेरा चाँद
दिनाँक -29/05/22
आसमान तले उसका आना,
चांदनी रात में समय बिताना।
कंधे पर उनके सिर रखकर,
घंटों उनसे फिर बतियाना।।
देखकर चांद की सुंदरता को,
अपनी महबूबा से नजर मिलाना।
चांद से भी ज्यादा सुंदर है मेरा महबूब,
देखकर मन का हर्षित हो जाना।।
कुछ अपनी कह,कुछ उनकी सुन,
दिनभर की बातें हम करते हैं।
एक दूसरे की बातों को सुनके,
खिलखिलाकर हम दोनों हंसते है।।
एक टक उसको मैं निहारता ही रहूं,
और निहारकर उसकी आंखों में खो जाना,
उसको अपना अब बनाना ही हैं,
यही ख्याल बार बार मन में आना।।
उसका हाथ उसके घरवालों से मांगकर,
जीवनसाथी उसे अब बनाना है।
सारी जिंदगी मुझे अपने चांद को,
बस जीवनभर यों ही निहारना है।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री