जय मां संतोषी।
कोटि कोटि प्रणाम मां।
मां संतोषी तेरी आरती करें।
तेरी पूजा करें।
तेरे चरणों में शीश नवाएं मां।
तेरे जयकारे लगाएं मां।
तेरे भंडारे लगाएं मां।
तेरे चरणों में है सारा संसार मां।
तुम ही हो जीवन आधार मां।।
मां संतोषी तेरी विनती करें।
तेरे चरणों में प्रार्थना करें।।
करो कृपा अपार मां संतोषी।।
तेरी महिमा बड़ी अपरंपार है मां।
माता तुम हो भाव की भूखी भक्ति सहित जो पूजे।
मनोवांछित फल पावे।
चरण शरण तेरी पावे।
रक्षा करो मां।
कृपा करो मां।
जीवन में आज तक इतना जबर्दस्त प्रहार न हो मां।।
शत्रु बुद्धि विनाश करो मां।
शत्रु पर विजय प्राप्त हो मां।
अति का अंत हो मां।
जीवन में किसी ने भी नहीं किया प्रताड़ित और भीषण प्रहार मां।।
लो चरण शरण में मां।
तुम ही हो जीवन आधार मां।
तुम ही हो माता पिता बंधु सखा मां।
दो चरणों में जगह जरा।
वरद हस्त शीश पर रहे मां। तेरे जयकारे लगाएं मां।
करूणा करो मां।
दया करो मां।
रहना सहाय मां
रहना सहाय मां।
रहना सहाय मां।
सारथी तुम हो मां।
परमार्थी बना देना मां।
जगत जननी मां।
जय जय मां संतोषी।
-Anita Sinha