मन को टटोला तो ............
एक नन्ही - सी ख़्वाहिश ने अपने पंख पसारे
बोली मैं भी पूरे कर लूँ अपने मन के ख़्वाब सारे
मैं भी विचरण करना चाहूँ जब भी देखूँ नील वितान
आशाओं के सोपानों पर चढ़कर मैं देखूँ सारा जहान

Hindi Blog by उषा जरवाल : 111805988

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