हृदय मे आप बैठे हो ,
वरना न होती हर क्षण हलचल |
बीती जिन्दगी न ठहरा आज तक कोई,
जो तुम बैठे हो गहरे मे ,
पहुँच पाया है क्या कोई |
भय नही जमाने का ,
भय आप ही खुद का ,
मुझे मुझसे बचाये रखना ,
हृदय मे विश्वास बिठाये रखना |
छूटे चाहे जमाना ,
टूटे तार साँसों के ,
इन तारो पर अपनी तार बिछाये रखना,
नही चाहिए कुछ भी सिवा आपके ,
टूटे न यह भाव ,
यह भाव जगाये रखना ,
हूँ कमजोर !
साहस आपसे,
भूले जो भ्रमित हो चित राह ,
दिखाये रखना |
लगे यह चित चरणों मे ,
सदा इनको लगाये रखना |
8/5/2022