बहुत दिनो से ना उनकी कोई खैर या खबर आई है।
वो बहुत मशरूफ रहते है
ये खबर है मुझे फिर भी।।
न जाने क्यो उनकी खैरियत जानने की बात मन मे बात मन मे आई है।
उनकी आवाज सुने बिना मेरी दुनिया ही अधूरी है।।
फिर भी न जाने क्यो उनसे इतनी दूरी है।
आज फिर यही बात मन मे बार-बार आई है।।
मीरा सिंह
-Meera Singh