अमीर
दिल से बने अमीर सब, कब धन आया काम।
नहीं साथ ले जा सकें, होती है जब शाम।।
महल
महल अटारी हों खड़ीं, दिल का छोटा द्वार।
स्वार्थ करे अठखेलियाँ, बिछुड़ें पालनहार।।
घर
छोटा घर पर दिल बड़ा, हँसी खुशी कल्लोल ।
जीवन सुखमय से कटे, जीवन है अनमोल ।।
ममता
माँ की ममता ढूँढ़ती, वापस मिले दुलार।
वृद्धावस्था की घड़ी, सबके दिल में प्यार।।
वृद्धाश्रम
वृद्धाश्रम में रह रहे, कलियुग में माँ बाप।
सतयुग की बदली कथा, यही बड़ा अभिशाप।।