बुलडोजर की कथा....
बुलडोजर की यह कथा, चलो सुनाते आज।
शिव का वाहन बुल यही, शिव भक्तों को नाज।।
हर गलियों में अतिक्रमण, भू-कब्जों का राज।
जन अधिकारों का हनन, जनता है नाराज ।।
बढ़ा अतिक्रमण देश में, खड़ी कर रहा खाट।
राष्ट्र- सृजन के दौर में, बुलडोजर के ठाट।।
बुलडोजर से काँपते, गुंडे सब शैतान।
लुकते-छिपते फिर रहे, देख रहा इंसान।।
बुलडोजर को पूजते, योगी अरु शिवराज।
चला जहाँ भी यह विकट, शासन है सरताज।।
बुलडोजर से पथ बनें, बुलडोजर से बाँध।
पर्वत को भी तोड़ता, बने प्रगति का काँध।।
बुलडोजर का है समय, करता काम अनेक।
पर सरकारी काम में, जाग्रत रखें विवेक।।
प्रिय यह ठेकेदार को, इसका बढ़ा रिवाज।
आनन फानन काम कर, पूर्ण करें हर काज।।
बुलडोजर का अब चलन, बुलडोजर का काम।
बुलडोजर की है धमक, बुलडोजर का नाम।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "