ये ज़िंदगी भी एक साइकिल की तरह है ,
कभी तो रफ्तार में चलती है ,
कभी पंक्चर तो कभी इसकी चेन उतर जाती है ,
ठीक करने पर चल तो पड़ती है ,
मगर वो बात नहीं रह जाती है ,
कभी ख़ुशी तो कभी गम आते रहते हैं ,
कोई थोड़े में खुश है तो कोई दौलत वाला परेशां है ,
साहब जिंदगी इसी का नाम है .