My Spiritual Poem...!!!
काश दिलो की तलाशी
भी मुमकिन होती
आइने-सी हर किरदार
की तसल्ली होती
बुगझ किना कपट की
तो सांमत-सी होती
बे-दाग बेतकल्लुफ-सी
हर शख्सियत होती
ना गुनाह न माफी तलबी
की भी जरूरत होती
हर ऑगन खुशनुदगी हर
शहर खुशहाली होती
मासूम बचपन-सी हस्ती भी
बेखौफजदा-सी होती
किसी भी रुखसार पर नजर
की कोई पाबंदी न होती
नियतो मे न खुराफाती न ही
शयतानियत भी पनपती
साफ-सुथरी नस्लो की खेती
भी सरेआम प्रचलित होती
प्रभुजी की बारगाह मे तो न
कोई अदालत न कार्यवाई.....
-Rooh The Spiritual Power