विषय - नटखट कान्हा
दिनांक-13/04/2022
यशोदा के नन्दलाला को,
माखन,मिश्री तो अति भाये।
जो खिलायें यशोदा माँ सामने से तो,
न नुकुर तो कान्हा कर जाये।।
अपने मित्रों की टोली के संग,
कान्हा चुराकर माखन खाये।
नित्य नई-नई लीलाओं से वह,
सबके ही मन को वह तो लुभाये।।
करें गोपियों को परेशान जब,
उनकी मटकियों को वह फोड़ जाये।
यशोदा माँ के सामने गोपियां तो,
कृष्णा को फटकार लगायें।।
झूठ-मूठ का गुस्सा दिखाकर,
यशोदा माँ तो उस पर चिल्लायें।
फिर कान्हा की भोली सूरत देखकर,
उसे प्यार से गले लगायें।।
कान्हा को भी सबको परेशान करके,
बहुत ही मजा तो आये।
उनके चेहरों को देख देखकर ,
मंद ही मंद तो वह मुस्कायें।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्यप्रदेश
-किरन झा मिश्री