श्यामल श्यामल तेरे बदन ,
काले रेशमी बाल तेरे सघन ,
मृग जैसे प्यारे जुड़वें नयन ,
चेहरा जैसा कोई खिलता सुमन ,
कोमल कोमल तेरा ये तन ,
चाल है तेरी जैसे कोई नागन
पांवों में तेरे पायल की छन छन ,
तेरे अंग अंग से झलके यौवन ,
तू जहाँ वहाँ सुगंधित हो पवन ,
तेरा रूप देख हर्षित हुआ गगन ,
तेरे श्वेत वस्त्र गीला करे सावन ,
मिटा रहा है तेरे तन का तपन ,
तुझे देख पुलकित है सब जन ,
तू प्रकृति की है अद्भुत फन ,
ये सब देख बस में कैसे रहे मन ,
चाहे लाख कर लें जतन ,
कम नहीं होता मन का दहन ,
दिल कहे कर लें तेरा गबन ,
तुझे पाने से फूल खिलें मेरे आँगन ,
तेरे सामने व्यर्थ हैं सारे धन ,
मिथ्या नहीं है मेरा कथन ,
तू जिसे मिले तृप्त हो उसका जीवन .