"राजा सो रहे हैं"
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जंगल में आग लगी है,
चारों ओर हाहाकार मची है,
पशु जल रहे हैं,
पक्षी जल रहे हैं,
कीड़े मकोड़े जलकर खाक हो चुके हैं,
जंगल में आग लगी है,
लेकिन,
राजा सो रहे हैं।।
आग की लपटें तेज़ है,
धूं-धूं कर आग जल रही है,
शीशम जल रही है,
बरगद जल रहे हैं,
छोटे मोटे पौधे खाक हो चुके हैं,
लेकिन,
राजा गहरी नींद में सो रहे हैं।।
तेज़ धूंआ उठ रही है,
बादलों का कोई ख़बर नहीं,
आशियाना जल चुकी है,
जल रही हैं उम्मीदें,
आग की जद् में सभी प्राणी ख़ाक हो रहे हैं,
जंगल में आग लगी है,
लेकिन,
राजा जी गहरी नींद में सो रहे हैं।।
मंत्री को भी पता है,
दरबान को भी पता है,
समय पर न बुझाया जाय तो,
बारी हमारी भी है।
लेकिन राजा को जगाने की हिम्मत किसमें है?
अंदर ही अंदर सभी रो रहे हैं,
और राजा गहरी नींद में सो रहे हैं।।