बहुत गम मिले हैं इस जिंदगी में
न कम मिले हैं यह गम
जो भी मिले बेहिसाब मिले
कुछ की फितरत थी आजमाने की
तो कुछ यूं ही बेवजह मिले
बहुत गम मिले हैं इस जिंदगी में
न कम मिले हैं यह गम
जो भी मिले बेहिसाब मिले
कुछकी फितरत थी अपनापन जताने की
तो कुछ यूं ही अपने आप मिले
फिर भी शुक्रगुजार हूं उस रब का... बिंदु
जो भी मिला बेहिसाब मिला
फिर चाहे वह प्यार हो नफरत हो या हो मान सम्मान
कुछ थे अपनों में भी फरेबी
तू कुछ थे परायो में भी अपनापन जताने वाले
कई बार कितनी परिस्थितियों में रंग बदलते चेहरे मिले हैं
यहां तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पे मेरे मिले हैं
कितनों की तो दानत ही थी झूठी
और कुछ इंसान में फरिश्ते मिले हैं
बहुत गम मिले हैं इस जिंदगी में......
04:05 AM 23/03/22
-Bindu _Anurag